
KORBA -कटघोरा मुख्य मार्ग पर अवैध रेत का बड़ा भंडार किया जा रहा है, जिसमें अक्षय गर्ग और अभय गर्ग का नाम सामने आ रहा है। यह रेत (डोंगर तरई, बरतरई, तुमान, बिंझरा) जैसे ग्रामीण इलाकों से चोरी-छिपे लाकर जमा की जा रही है। इस अवैध गतिविधि से न केवल सरकारी खजाने को नुकसान हो रहा है, बल्कि आम जनता और पर्यावरण भी प्रभावित हो रहे हैं।
कानून को ताक पर रखकर चल रहा कारोबार
सूत्रों के मुताबिक, बिना किसी वैध अनुमति के सड़क किनारे बड़े पैमाने पर रेत स्टॉक किया गया है, जिससे यातायात बाधित हो रहा है और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। इसके बावजूद प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
अवैध रेत खनन से पर्यावरण को भारी नुकसान
विशेषज्ञों के अनुसार, अनियंत्रित रेत खनन से नदियों के किनारे कमजोर हो जाते हैं, भू-जल स्तर गिरने लगता है, और मिट्टी की गुणवत्ता प्रभावित होती है। यह भविष्य में किसानों के लिए एक गंभीर समस्या बन सकता है। लेकिन अक्षय गर्ग और अभय गर्ग अपने फायदे के लिए गांवों की जमीन और प्राकृतिक संसाधनों को बर्बाद करने में लगे हुए हैं।
प्रगति पथ सेवा संस्था ने उठाई आवाज
प्रगति पथ सेवा संस्था, कोरबा के अध्यक्ष मिर्जा मुस्ताक अहमद ने इस अवैध कारोबार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संस्था ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की माँग की है। अगर जल्द ही कोई कदम नहीं उठाया गया, तो ग्रामीणों के साथ बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
प्रशासन की चुप्पी—मिलीभगत या लापरवाही?
अब सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन को इस अवैध धंधे की जानकारी है और वह जानबूझकर चुप है? अगर नहीं, तो अब तक अक्षय गर्ग और अभय गर्ग के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
जनता को जागरूक होने की जरूरत!
यह समय है कि जनता समझे कि जो लोग अवैध काम करके पैसे कमा रहे हैं, वे भविष्य में जनसेवा नहीं, बल्कि अपने निजी स्वार्थ की राजनीति करेंगे। गाँव और क्षेत्र के विकास के लिए ऐसे भ्रष्ट और गलत लोगों को चुनाव में सबक सिखाना जरूरी है।
अब देखना यह है कि प्रशासन दोषियों पर कार्रवाई करता है या इस मामले को दबाने की कोशिश करता है!






