
KORBA -कोहड़िया वार्ड क्रमांक 18 में भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र देवांगन ने अपनी सरलता और काम के प्रति निष्ठा से एक नई मिसाल पेश की है। कांग्रेस के प्रत्याशी हरीश कुमार ने नरेंद्र देवांगन की कार्यशैली से प्रभावित होकर अपना नामांकन वापस ले लिया, जिसके बाद देवांगन को निर्विरोध जीत मिली।
नरेंद्र देवांगन ने पिछले नगर निगम चुनाव में भी 550 वोटों से जीत हासिल की थी, और तब से वे अपने वार्ड के लोगों के बीच एक मजबूत विश्वास बना चुके हैं। वे रोजाना वार्ड का दौरा करते हैं, लोगों से मिलते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए निरंतर प्रयास करते हैं। उनका यह तरीका और आम जनता के प्रति सच्ची निष्ठा ने उन्हें एक लोकप्रिय नेता बना दिया है।
कांग्रेस के प्रत्याशी हरीश कुमार ने नरेंद्र देवांगन की ईमानदारी और समर्पण को देखकर यह निर्णय लिया कि वह चुनाव से बाहर हो जाएंगे। उनका यह कदम यह साबित करता है कि राजनीति में अगर कोई व्यक्ति जनता के लिए सच्चे दिल से काम करता है, तो वह दूसरों को प्रेरित कर सकता है।
नरेंद्र देवांगन के समर्थक अब अपनी जीत पर खुशी मना रहे हैं। उनके लिए यह केवल चुनाव जीतने का अवसर नहीं है, बल्कि यह उन कार्यों का परिणाम है जो उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में क्षेत्र के लोगों के लिए किए हैं। इस जीत ने यह भी साबित कर दिया कि अगर कोई नेता आम जनता की सेवा करता है और उनकी समस्याओं का समाधान करता है, तो वह हमेशा सम्मान और सफलता प्राप्त करता है।
इस प्रकार, कोहड़िया वार्ड क्रमांक 18 में नरेंद्र देवांगन की निर्विरोध जीत राजनीति में एक सकारात्मक बदलाव का प्रतीक बन चुकी है। उनकी सरलता, परिश्रम और समर्पण ने उन्हें एक आदर्श नेता बना दिया है।






