कोरबा, 25 सितंबर – कोरबा जनपद पंचायत की प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) श्रीमती इंदिरा भगत के खिलाफ गंभीर आरोप सामने आए हैं। पंचायत के कामकाज में अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर क्षेत्र में काफी आक्रोश देखा जा रहा है।
जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों का आरोप है कि श्रीमती भगत ने जनवरी 2014 में जनपद पंचायत की राशि का दुरुपयोग करते हुए इनोवा कार को किराए पर लिया था। इसके साथ ही, उन्होंने केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना और जनमन आवास योजना में भी ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा दिया, जिससे भ्रष्टाचार की स्थिति उत्पन्न हुई।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि इन योजनाओं के तहत जिन लाभार्थियों को पक्के मकान मिलने चाहिए थे, वे आज भी अपने घरों के इंतजार में हैं। जनमन आवास और पीएम आवास योजना की पहली, दूसरी और तीसरी किश्तें जारी होने के बाद भी लाभार्थियों के खातों को बैंक से होल्ड कर दिया जाता है। लोगों का आरोप है कि जब तक रिश्वत के रूप में 20,000 से 25,000 रुपये की लेन-देन नहीं होती, तब तक उनकी राशि को फ्रीज रखा जाता है।
इसके अलावा, श्रीमती भगत पर आरोप है कि उन्होंने निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के साथ भी असम्मानजनक व्यवहार किया है, जिसके चलते जनप्रतिनिधि उनके कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर हो गए हैं।
कोरबा के स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधि इन आरोपों की जांच की मांग कर रहे हैं और जल्द ही उच्च अधिकारियों से हस्तक्षेप की उम्मीद कर रहे हैं। यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो प्रशासन से श्रीमती इंदिरा भगत को उनके पद से हटाने की मांग की जा रही है।