कोरबा, वार्ड क्र.14 पंप हाउस के बूथ क्रमांक 177 के विजय कटकवार , 178 के सुरेश कुमार साहू और बूथ क्र.179 के अध्यक्ष संजय कुमार दुबे ने संयुक्त इस्तीफा पत्र जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षा सपना चौहान को प्रेषित किया और कहा,कि 2019 में हुए वार्ड चुनाव में हमारे वार्ड से राजकिशोर प्रसाद जी को महापौर बनाने के लिए पार्षद चुनाव लड़ाया गया था!
तब हम लोगों ने सोचा कि हमारे वार्ड की तस्वीर बदल जाएगी, और हम सभी ने एस मूर्ति के नेतृत्व में एक मत होकर नवा पंप हाउस सुघर पंपहाउस बनाने का नारा देकर उन्हें जिताया!
लेकिन हमारी सबसे बड़ी भूल और तकलीफ तब हुई ज़ब ए महापौर बन गए और पार्षद सहित वार्ड का पूरा अधिकार इनके हाथ में आ गया फिर ए वार्ड में अपने अधिकार का दुरुपयोग करने लगे!
जब जब मूर्ति भईया वार्ड के विकास कार्य का बात करते थे, और किए हुए वादे पर काम चालू करने कहते और इन पर दबाव बनाते थे तो इन्हें तकलीफ होती थी!
, इन्हें जरूरत थी ए जो बोले उनके अनुसार वो सुने, लेकिन मूर्ति वार्ड के वरिष्ठ हैं और 29 साल के कांग्रेस कार्यकर्ता हैं, और लोगों से वोट मांगे होने के कारण उनके अनुसार नहीं चल पाए थे!
मूर्ति के दबाव के कारण राजकिशोर ने एक योजनाबद्ध तरीके से मूर्ति भईया को हमारे अपने ही वार्ड में बदनाम और बेइज्जत करके किसी भी तरह किसी मामले में फसाकर चुप कराना चाहते थे और परेशानी में डालकर उलझाने की कोशिश की,लेकिन वार्ड के लोग भईया को बचपन से भली भांति जानने के कारण राजकिशोर जी अपने प्रयास में सफल नहीं हो पाए, और वार्ड के लोग उनकी साजिश को समझने लगे!
जब इसमें भी सफल नहीं हो पाए तब उन्हें एल्डरमैन पद से हटवाकर कोरबा कांग्रेस में पद की गरिमा को ही समाप्त कर दिया, और उनके नाम का गलत गलत अफवाह उड़ाना शुरू करवा दिए, लेकिन मूर्ति भईया ने अपने धैर्यता और साहस से अपने प्रति हो रहे साजिश का कहीं भी विरोध नहीं किए!
जिसका उल्टा ही दूसरा नुकसान संगठन को हुआ,कि कोरबा के 20- 25 साल के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का पार्टी से विश्वास टूट गया कि भविष्य में उन्हें वरिष्ठता का लाभ नही मिल पाएगा, जो जिला कांग्रेस के लिए एक नकारात्मक संदेश था,
अभी के दो चुनावो में ए नुकसान सभी तरफ बहुत देखने को मिला जो चर्चा का विषय रहा!
दूसरी बड़ी गलती वार्ड में उन्होंने बिना किसी वरिष्ठ का सलाह लिए वार्ड बूथ कमेटी बना डाले जिसमें वार्ड अध्यक्ष संगठन का अनुभवहीन रामगोपाल यादव को बना दिए जिसे हम लोगों ने 2014 में पार्षद जिताया था, हालांकि ए भी हमारी बहुत बड़ी भूल थी,क्योंकि
हम लोगों ने यह कहकर वार्ड में पेश कर दिए की गांव से आकर हमारे वार्ड में नया नया बसा है और कम्पोडर का कार्य करता है,गरीब आदमी है,ईमानदारी से काम करेगा, और वार्ड वालों से किसी भी काम का पैसा नहीं लेगा हम लोग गारंटी लेते हैं लेकिन वो हमारे वादे के विपरीत कार्य किया,जबकि लोगों ने हमारी बात मानकर भारी समर्थन दिया था,और आज उसकी करनी का बदनामी आज हम सभी कार्यकर्ताओं को मिल रहा है!
उन दिनों हम लोगों को अपने ही पार्टी कार्यकर्ताओं का काफी विरोध का सामना करना पड़ा था, उन दिनों मूर्ति भईया सबको समझाइस देकर एकजुट किए थे!
विरोध का कारण था कि पार्षद बनने के एक दिन पहले तक भी संगठन में और न हीं वार्ड के सार्वजनिक गतिविधि में कभी उसकी भागीदारी नहीं रही,और न हीं संगठन के क्रिया -कलाप का कोई तालुक रहा!
जबकि वार्ड में बिना पद के भी हमारे वार्ड में संघर्षशील सक्रिय भागीदारी लोगों की संख्या बहुत अधिक है!
लेकिन संगठन में अनुभवहीन रामगोपाल नामक व्यक्ति को वार्ड अध्यक्ष बनाया गया और उसके अधीन हमको बूथ अध्यक्ष बनाया गया!
जिसका परिणाम भी विधानसभा में 728 और लोकसभा के चुनाव में 999 वोट से भाजपा को बढ़त मिली है!
कहने का तात्पर्य है कि महापौर और बूथ कमेटी के वार्ड अध्यक्ष का हमारे वार्ड का बसिंधा नहीं होना और जिसका वार्ड में एक भी सहपाठी का न होना भी बोट में परिवर्तित नहीं कर पाने का कारण बनता है!
उक्त कारणो से वार्ड में हमारे कांग्रेस की स्थिति गिर चूकी है और आगे भी लग रहा है कांग्रेस वार्ड में कभी बढ़त नहीं लेगी,इसलिए हम तीनों अध्यक्ष अपने बूथ अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना चाहें है