KORBA -कोरबा जिला अस्पताल अब मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बदल गया है ऐसे में यहां पर मल्टीस्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम होने के बावजूद भी कई प्राइवेट एंबुलेंस परिसर में खड़ी रहती है इन पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही नही होना समझ से परे है
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्राइवेट एंबुलेंस परिसर में खड़ी रहती है और उनका प्रतिनिधि अस्पताल में दिनभर मरीजों के संपर्क में रहता है और इलाज के लिए गुमराह कर निजी अस्पताल के ओर ले जाते है इससे मोटा कमीशन मिलता है
अस्पताल प्रबंधन को जानकारी होने के बाद भी कोई कार्यवाही नही की जाती है
एक अनुमान के मुताबिक मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रतिदिन 650 से 700 ओपीडी पर्ची कटी जाती है अगर इसमें से भी 20 मरीज प्रतिदिन का औसत निकाला जाए तो 480 मरीज प्रति माह सरकारी अस्पताल से प्राइवेट अस्पताल की तरफ जाते है
सवाल यह है कि सरकारी अस्पताल में प्राइवेट एंबुलेंस की क्या आवश्यकता है
क्या मेडिकल अस्पताल की आड़ में कोई बड़ा खेल हो रहा है
प्राइवेट एंबुलेंस अस्पताल केंटीन के पीछे खड़ी रहती है