कोरबा के 15 साल से विधायक और 5 साल राजस्व मंत्री की कुर्सी संभालने वाले और खुद को जगह-जगह दबंग विधायक कहलवाने वाले जयसिंह अग्रवाल कोरबा जिले में रेत घाट का संचालन नहीं करवा सके। मजबूरन कोरबावासी 500 रुपए ट्रेक्टर में कभी मिलने वाली रेत 3 हजार रुपए में खरीदने के लिए मजबूर हो चुके हैं। राजस्व मंत्री के पार्टनर ठेका लेकर जनता को लूट रहे हैं और आम जनता के लिए निर्माण कराना मुश्किल हो गया है। सरकारी निर्माण में भी महंगी रेत का उपयोग करवा कर सरकार को आर्थिक चूना भी सांठगांठ से लगवाया जा रहा है।
राजस्व मंत्री होने का दम भरने वाले जयसिंह अग्रवाल शहर के विकास को लेकर कितने गंभीर हैं यह इनकी कारगुजारियों से पता चलता है जिनके विधानसभा क्षेत्र में ही रेत की कालाबाजारी इनकी आंखों के सामने से हो रही है। रेत खदानों को सुचारू रूप से चलवाने के लिए रेत घाटों की नीलामी या फिर नगर निगम से संचालन करवाने की फाइल को ये आगे नहीं बढ़वा सके हैं। आज आम जनता या तो चोरी की रेत से निर्माण करवा रही है या फिर अपना पेट काट-काट कर घर-मकान बनवाने के लिए विवश है। महंगी रेत कई निम्न और मध्यम वर्गीय परिवार के लिए घर बनाने का सपना तोड़ रही है और करोड़पति राजस्व मंत्री व उनके पार्टनर आम जनता और सरकार की जेब पर दिन दहाड़े महंगी रेत की आड़ में डाका डाले पड़े हैं। ऐसे जनप्रतिनिधि को यदि जनता की फिक्र होती तो इस विषय पर भी अपनी सरकार से भिडक़र घाटों को चालू करवाते लेकिन जहां फायदा हो रहा है तो वहां जनता के हित से आखिर इनका क्या सरोकार?