कोरबाः छत्तीसगढ़ सरकार ने बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिलाने कि लिए एक मिशन बनाकर काम करना शुरू किया। जिसके परिणाम स्वरूप विभिन्न विभागों में कर्मचारियों की भर्ती की गई और स्वरोजगार के नए अवसर प्रदान किए गए। सिर्फ शहरी ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह कार्य किया गया। तकनीकि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आईटीआई केन्द्रों को आधुनिकीकरण और प्लेसमेंट की सुविधा स्पॉट पर ही उपलब्ध करायी जा रही हैं। उपरोक्त विचार कांग्रेस के लोकप्रिय उम्मीदवार जयसिंह अग्रवाल ने वार्ड क्र 10 में जनसंमर्क के दौरान नुक्कड़ सभाओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि रोजगार के नए अवसर तलासें गए और बेरोजगारी भत्ता भी युवाओं को प्रदान किया जा रहा हैं।
श्री अग्रवाल ने कहा कि रोजगार का उद्देश्य युवाओं को आय के अतिरिक्त अवसर प्रदान करना हैं। छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य हैं। राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूती के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना, सुराजी गांव योजना, गोधन न्याय योजना, मिलेट मिशन, लघु वनोंपजों की वेल्यू एडमिशन सहित कई क्षेत्रों में काम हो रहा हैं। लाख और मत्स्य उत्पादन को कृषि दर्जा दिया गया हैं। राज्य के विभिन्न उत्पादों की बिक्री के लिए सी-मार्ट प्रारंभ करने की येजना शुरू की गयी हैं। पर्यटन क्षेत्रों का विकास किया जा रहा हैं। इन्हीं सब प्रयासों को एकीकृत करने और रोजगार की नई संभावनाओ के सृजन के लिए छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन की शुरूआत की गई हैं। यह मिशन राज्य और जिलोें की परिरिस्थतियों के अनुसार रोजगार के नए-नए अवसरों के लिए सृजन काम करता हैं। रोजगार मिशन के माध्यम से 5 वर्षों में करीब 15 लाख रोजगार के नए अवसरों के सृजन का लक्ष्य लेकर फरवरी 2022 में इस मिशन की शुरूआत की गई थी। पिछले डेढ़ वर्षों में अलग-अगल क्षेत्रों में रोजगार के अनेक अवसरों का सृजन किया गया हैं। इसके परिणाम स्वरूप छत्तीसगढ़ सितंबर 2022 में 0.1 प्रतिशत दर के साथ देश में न्यूनतम बेरोेजगारी वाला राज्य हैं।
श्री अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के 36 आईटीआई केन्द्रों के आधुनिकीकरण के लिए 1188.36 करोड़ की परियोजना के लिए एमओयू किया गया हैं। जिससे युवाओं को 6 नवीन तकनीकि ट्रेड के साथ ही 23 कोर्स में अल्पकालीन प्रशिक्षण लगभग 10 हजार युवाओं को दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि राज्य में चिकित्सा शिक्षा के विस्तार के लिए 8 नए मेड़िकल कॉलेज खोलने के लिए राज्य शासन द्वारा पहल की गई। इनमें से कोरबा समेत 4 मेड़िकल कॉलेज में अध्यापन कार्य प्रारंभ हो गया हैं। और 4 में प्रक्रिया चल रही हैं। इसी तरह राज्य में उच्च शिक्षा विस्तार के लिए सुदूर अंचलों में 33 महाविद्यालय पौने 5 साल में खोले गए हैं। नुक्कड़ सभाओं में बड़ी संख्या में लोगो ने अपनी भागीदारी निभायी।